चुनाव आ गईल
गाँवे गाँवे नेतन के पइसार हो गईल
का मानी ए भइया, चुनाव आ गईल।
खेती में कम भईल अनाज के दरद
नेताजी के होखे लागल देखी-देखी दरद
आस्वासन आ कृषी लोन माफ के बहार आ गईल
का मानी ए भइया, चुनाव आ गईल।
उजरे उजर सूट-बूट वाला लोगन के भारमार हो गईल
गली,चौक-चौराहा प मीट आ दारू के बहार आ गईल
लोगन के सुख-दुख में लोर बहावे के हद पार हो गईल
का मानी ए भइया, चुनाव आ गईल।
गरीब के झोपड़ी देखी उड़ल नेता लो के खोपड़ी
बात बात प चु-चु, चु-चु आ आह भरे के बार आ गईल
हाथ जोड़े,माथ झुका के गोड़ लागे के हद पार हो गईल
का मानी ए भईया, चुनाव आ गईल।
जीते वाला जीती के फरार रहले साढ़े चार साल
हारे वाला फेरु ना झकले जबले बीतल चार साल
बोलोरो,इस्कार्पियो के धुरी देखी "छोटुआ" हैरान भ गईल
का मानी ए भईया, चुनाव आ गईल।
[कतने साल बीतत,नेता लोसे अब विश्वास पार हो गईल
रोड ख़ातिर निहार लोगन के आँखी से अन्हार हो गईल
अबकी बार फेरु झूठन के तेव्हार आ गईल
का मानी ए भईया, चुनाव आ गईल।]
सुजीत, बक्सर।
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