Monday 31 July 2017

राजघाट समाधि स्थल दिल्ली की यात्रा

आज दोपहर राजघाट समाधि स्थल देखने की इच्छा हुई फिर क्या था अपने दोस्त मनीष कुमार को लेकर समय 0240 बजे निकल पड़े मेट्रो की ओर.......

केंद्रीय सचिवालय 300 बजे पहुचने के बाद वहां से ITO वायलेट लाइन के लिए मेट्रो पर सवार हुए,मेट्रो में काफी भीड़ होने से सफर खड़े खड़े ही सफर करना पड़ा और वैसे भी मेट्रो में स्वस्थ लोगो के लिए कोई सीट की व्यवस्था नही है, मेट्रो में वृद्ध विकलांग और महिलाओं के लिए ही सीट की प्रबंध है । कुछ स्वथ लोग खुद की आंख बंद कर लेते है ताकि उन्हे कोई जगाये नही.......

ITO मेटो स्टेशन से राजघाट का लगबहग 2 km का सफर हमने चलकदमी करते ही पहुच गए रास्ते मे शहीदी पार्क और अम्बेडकर स्पोर्ट स्टेडिम निहारते हए कुल 15 मिनट में राजघाट पहुँचे ।

राजघाट की हरियाली को देखकर दिल गार्डेन गार्डेन हो गया । जहाँ बहुत सारे विदेशी और नौजवान लड़के लड़कियों को मेला लगा था साथ ही दीवारों पर बलुआ पत्थर पर की गई कारीगरी व श्रृंखलाबद्ध पेड़ पौधों का बेहतरीन समन्वय देखते ही बनता है ।

अब हम महात्मा गांधी की समाधि के लिए जूते चप्पल जमा कराने के लिए कतारबद्ध हुए , बने काउंटर पर पहुचे जहाँ 1 जोड़ी के लिए 1 रुपया भुगतान करने की व्यवथा है । इसी बीच झमाझम बारिश आकर मन की उतेजना को मलिन कर दिया । तकरीबन  30 मिनट  बारिश बारिश की वजह से रुकने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि को दिल से श्रद्धांजली दिया फिर  उनके कुछ कथनों का अध्ययन किया, जो मानव को मानवता के लिए प्रेरित करता है । हमे बापू महात्मा गांधी की राहों पर चलकर सत्य, अहिंसा के शस्त्र के द्वारा अपने जीवन को सरलता व जीवन का मुख्य उद्देश्य बनाना चाहिए ।

रघुपति राघव राजा राम ।
पतित पावन सीता राम ।।

इसके उपरांत हमने शक्ति स्थल, एकता स्थल ,समता स्थल इत्यादी जगहों पर घूमे । वाकई हमारे महापुरुषों के द्वारा किये गए तप की बदौलत हम आज विश्व के महानतम देशों में शामिल हो चुके है ।

अंत मे हम दिल्ली गेट जो बिल्कुल 200 मीटर की दूरी पर है,की मेट्रो से वापिस आ गए । आज का सफर  बेहद ही सुहाना व सुखद रहा ।

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