Wednesday 9 August 2017

ईश्वर का शुक्रगुजार

दोस्तों । यह सच कहा गया है कि एक सच्चा दोस्त हजार दवाओं का स्वरूप होता है इसकी विवेचना निम्नलिखित वाक्यों में करना चाहूंगा ।

बात दिनांक 06 08 17 की है । मेरी ड्यूटी मॉर्निंग पारी में थी ,रात में देर से सोने की वजह से व सुबह के कुछ सुनहले सपनों के बाद भूत प्रेत की दुनिया मे शामिल होने के उपरांत सुबह 5:50 बजे आँखे खुली, पूरा बदन दर्द से टूट रहा था मानो  सपनों में हुए क्रांतिकारी परिवर्तन हकीकत में तब्दील हो चुका है । जैसे ही घड़ी पर निगाह गई फटाफट जल्दी से तैयार हुआ । 

हालाँकि ड्यूटी समय से तो पहुँच गया पर पूरी ड्यूटी 7 घंटे के दौरान कुल 3 बार  काफी पिया । कुछ लोगो का ऐसा मानना है कि कॉफ़ी पीने  से बदन दर्द दूर होता है पर ऐसा मुझे नही लगा ।

ड्यूटी के बाद सही सलामत रूम पहुंचा और बिना लंच किये ही सो गया । 

सोशल मीडिया के कुछ दोस्तो  से जल्दी  ही स्वस्थ होने की उम्मीद लगाई साथ ही मित्रता दिवस की सबको हार्दिक बधाई दी । कुछ दोस्तों ने ईश्वर से जल्दी से स्वस्थ होने की कामना  भी  की ।जैसे ही इसकी खबर हमारे मित्र मनीष कुमार को लगी फटाफट तैयार होकर हम दोनों अस्पताल के लिए रवाना हुए ,रविवार का दिन होने की वजह से आसपास के अस्पताल बन्द थे इसलिए समय शाम 6:30  बजे नज़दीक के ही एक मेडिकल स्टोर से दवा लिए ।किसी तरह वापिस रूम आकर 1 सेव व 2 बिस्किट लिए पर खाया नही गया , 3 मोटी मोटी चादर ओढ़कर व दवा खाकर 20 मिनट सोने के बाद मेरा पूरा बदन पानी पानी हो चुका था और बहुत ही गंदी बु आ रही थी ,जैसे ही सर को बाहर निकाला ,राहत मिला ।रात में जब सभी दोस्तों को देखा तो उनके उत्साह से जो खुशी मिली,जिसका वर्णन क़ाबिले  तारीफ वाली थी । मैं सभी दोस्तों के साथ मिलकर डिनर किया ।और सच कहूँ तो दोस्ती के दिन दोस्तों के साथ रहने का सुखद अहसास हुआ ।मैं आभारी हूं अपने मित्र मनीष कुमार,विजय कुमार, राजु कुमार, पंकज कुमार, चंदन कुमार,प्रिंस कुमार सज्जन सिह व राजेश कुमार।

अगर किसी को सच्चा दोस्त मिल गया तो संसार मे उससे बड़ा कोई उपहार नही ।

सुजीत कुमार पांडेय "छोटू"


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