बेशर्मी की हद हैं फिर भी बातें बड़ी बनाते हैं।"
"जिस आदमी को बहत्तर चूल्हे का खाना लगा हो वह एक घर में कहाँ टिक पाता हैं।"
1. आओ रानी हम ढोएंगे पालकी
2. शासन की बंदूक
1. गुलाबी चूड़ियाँ
2.लच्छो की अम्मा
3.मेरी नवजात सखी
1. वसंत की आगवानी
2. नीम की दो टहनियां
3. शरद पूर्णिमा
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पाँच पूत भारतमाता के, दुश्मन था खूँखार
गोली खाकर एक मर गया, बाक़ी रह गए चार
देश-निकाला मिला एक को, बाक़ी रह गए तीन
अलग हो गया उधर एक, अब बाक़ी बच गए दो
चिपक गया है एक गद्दी से, बाक़ी बच गया एक
पुलिस पकड कर जेल ले गई, बाकी बच गया अण्डा
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कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त।
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद
कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद।