जीवन का रेसिपी
दवा भी
दुआ भी
दुआ भी
पानी भी
और खून भी
और खून भी
रिश्ते नाते इंसानो को भी
हर मोड़ पे बिकते देखे है
हर मोड़ पे बिकते देखे है
हर गली चौक चौराहों पर
रिश्वत को भी रिसते देखे है
रिश्वत को भी रिसते देखे है
जो बिका नही और रीसा नही
बस बचा रहा तुफानो से
बस बचा रहा तुफानो से
ऐसे इंसानो के जीवन को
तुम रेसिपी बनाकर पी लो ।।
तुम रेसिपी बनाकर पी लो ।।
गर सफलता पानी है
ये काम अनोखा कर लो तुम
ये काम अनोखा कर लो तुम
जब मन में उठे हुकारो को
तन मन से पुरा करना है
तन मन से पुरा करना है
तुफानो के झोंके से तूम
बस डटे रहो,अडिग रहो
बस डटे रहो,अडिग रहो
पलभर में सब टल जाएगा
सब कुछ का हल हो जाएगा
सब कुछ का हल हो जाएगा
है सफल वही जो विफल रहा
जो कर्म पथ पर अटल रहा
जो कर्म पथ पर अटल रहा
ऐसे इंसानो के जीवन को
तूम रेसिपी बनाकर पी लो।।
तूम रेसिपी बनाकर पी लो।।
कुछ लोग अभी भी जलते है
उन रस्तो पर ही चलते है
उन रस्तो पर ही चलते है
बेवजह उलझ कर मरते है
सच्चाई से बस डरते है
सच्चाई से बस डरते है
मर कर भी जो अमर है
जिसकी सबको खबर है
जिसकी सबको खबर है
है वीर वही समसिर वही
देश के असली तकदीर वही
देश के असली तकदीर वही
ऐसे इंसानो के जीवन को
तुम रेसिपी बनाकर पी लो ।।
सुजीत पाण्डेय "छोटू.
तुम रेसिपी बनाकर पी लो ।।
सुजीत पाण्डेय "छोटू.
नमस्कार मित्रो ।
ReplyDeleteमेरा प्रथम प्रयास ।।