Thursday 14 September 2017

जीवन की रेसिपी

जीवन का रेसिपी

दवा भी
दुआ भी

पानी भी
और खून भी

रिश्ते नाते इंसानो को भी
हर मोड़ पे बिकते देखे है

हर गली चौक चौराहों पर
रिश्वत को भी रिसते देखे है

जो बिका नही और रीसा नही
बस बचा रहा तुफानो से

ऐसे इंसानो के जीवन को
तुम रेसिपी बनाकर पी लो ।।

गर सफलता पानी है
ये काम अनोखा कर लो तुम

जब मन में  उठे हुकारो को
तन मन से पुरा करना है

तुफानो के झोंके से तूम
बस डटे रहो,अडिग रहो

पलभर में सब टल जाएगा
सब कुछ का हल हो जाएगा

है सफल वही जो विफल रहा
जो कर्म पथ पर अटल रहा

ऐसे इंसानो के जीवन को
तूम रेसिपी बनाकर पी लो।।

कुछ लोग अभी भी जलते है
उन रस्तो पर  ही चलते है

बेवजह उलझ कर मरते है
सच्चाई से बस डरते है

मर कर भी जो अमर है
जिसकी सबको खबर है

है वीर वही समसिर वही
देश के असली तकदीर वही

ऐसे इंसानो के जीवन को
तुम रेसिपी बनाकर पी लो ।।

       सुजीत पाण्डेय "छोटू.


















1 comment:

  1. नमस्कार मित्रो ।
    मेरा प्रथम प्रयास ।।

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