Friday 15 September 2017

कितना बदल गया इंसान

। कितना बदल गया इंसान ।
     
दिन वो क्या थे जब मिलजुल कर चलते थे साथ
आज दोस्ती यारी छोड़ सब बैठे मोबाइल के पास l

आपस मे करते थे कही जाने आने घूमने का प्लान
आज का दैनिक जीवन मोबाइल से लगता है बेजान ।

होता नही कही कोई घर का काम
पर रहते है दिनभर मोबाइल में परेशान l

उठते,बैठे,चलते-फिरते बस रहता इसका ध्यान
80 साल की दादी हरदम देखकर रहती है हैरान l

कितना बदल गया इंसान 

चंद लोगो की जिंदगी बनाया 
ढेरो की जिंदगी किया तमाम l

फेसबुक, व्हाट्सएप्प है इसकी दुकान
सुबह खुल जाता, दिन भर रहता जाम ।

जियो, एयरटेल, आईडिया, इसका  है जान
सस्ते पैक देकर पहले बाद बनाता है गुलाम ।

कितना बदल गया इंसान

घर परिवार की सुध नही
रिश्ते हुए कल्पना के नाम l

बधाई हुआ मैसेज से तमाम
मिलने पर होता नही राम राम ।


कितना बदल गया इंसान ।।
         

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