Tuesday 17 October 2017

दिलों की दीवाली, हैप्पी दीवाली ।

6 साल का रिंटूआ इस लिए सुबह से खुश था कि पापा कल शाम को जो पटाखे लाये है वो सुबह देने के लिए बोले है । मन की बेचैनी रात भर इसलिए सोने नही दी कि कही पापा फुलझड़ी और अकाशबाड़ी लाये है या नही । करवट लेते लेते ही सुबह 5 बजे गए, जगकर मम्मी को कहता है उठो, भोर हो गया है । तबतक आँगन में सोनुवा को देखकर,जाता है न जाने क्या क्या काना फूसी चलती है ।

पता नही बिटूआ के पापा कहाँ से पड़ाका लेकर आते है । लगता है एटम बम और छुरछुरी दोनो लुधियाना से ही लेकर आये है क्योंकि उसके जैसा किसी का आवाज नही आ रहा है ।  हॉ, अगले साल मैं भी चाचा से बोल दूँगा कि पटना से ही लाएंगे क्योंकि बक्सर में बढ़िया पड़ाका नही आया है । रहूला बोलता उठता है , भक्कक।। साला तुमलोगो को क्या पता, पिपरपाती रोड का पड़ाका का हाला है, मस्त आवाज करता है ।

10 साल का आरव पहली बार दीवाली में दिल्ली से आया है क्योंकि दिल्ली में पटाखा बन्द है । आरव की पटाखा छोड़ने की  जिद्द ने ही उनके पापा को इस बार घर बुलाया है । नही तो वे लोग आते कहाँ है । दादा दादी गाँव का सब खेत बेचकर अपना जैसे तैसे भोजन चला रहे है । 2 भाई है लेकिन कोई बात तक का नही पूछता । एक दिल्ली में परिवार के साथ है तो दूसरे बर्नपुर में , न जाने कितनी साँझ ऐसे निकल जाती है जब खाना भी नही बन पाता ।

भाई, परब तेव्हार तो केवल पैसे वालो का है । अब देखो निलेशवा के घरे पटाखा, मोमबती तो दूर खाने के भी लाले पड़े है । पता नही भगवान कहाँ सोये है, बेचारे का परिवार को क्या होली,दीवाली ....

आज दीवाली है । सबके घरों में साफ सफाई जोरो पर चल रही है वही रामेशवा निखट्टू बन बैठा है । आर्डर फरमाईस कर दोनों भाइयों से सुबह 6 बजे से काम मे लगाया है । एक भाई सुबह से झाड़ू लेकर पूरा घरों की सफाई तो दूसरा परसों से ही पेंट और रंगोली बनाने में लगा है । साल का परब है । माता लक्षमी साफ सफाई में ही बास करती है ।

लड्डूवा के चारो भाई  5 दिन से लड्डू और तरह तरह की मिठाईया बनाने में व्यस्त है बिक्री जोरों पर चलेगी इसलिए एडवांस में माँग की जा रही है तो वही नया भोजपुर स्थित रामपुर का पेड़ा के लिए सैकड़ो किलो का बुकिंग हो चुका है ।

बाजारों में मिल रहे चाइनीज इलेक्ट्रॉनिक झालर लाख बन्द के बावजूद भी जोरो पर बिक रही है । पिटुवा 500 का लाकर पूरे घर मे लगा चुका है । ऐसा लगता है कि पूरे गाँव मे लक्षमी पहले उसके घर ही आएगी । इसे देख  आधा गाँव पूरी तरह से मकानों को सजा दिया है । क्या खूबसूरत माहौल है ।

और मैं आप सभी को शुभ दीवाली बोलने को बेताब हूँ । माँ लक्षमी आप सभी के जीवन मे पैसे रुपये से ऐसे भरे कि खुद घनचक्कर में पड़ जाए

बैंक खोलें या फॉर्म हाउस

और श्री गणपति जी सुख, शांति और सौहार्द्र भर खुशहाल रखे । हम सबका आपस मे भाई चारा और परस्पर सहयोग के साथ दूसरे के सुख दुख में गले मिलकर एक स्वच्छ समाज बने, कामना करता हूं ।

।।शुभ दीवाली ।।

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